छेड़

 अरे खेलडी अठै बेठ्यो 

 सोच करूं रे म तो 

थारो संगड़ो कर ने

 मोज करूंला रे म तो 

मनड़ो म्हारो सुख पाव 

जद संग थारो मिल ज्याव 

जिण भांत तप्त तावड़़ कुरळातो जीयो 

छांया पाय हरख ज्याव 

अरे खेरड़ी अठै बेठ्यो

 देखु रे म तो 

ऊंचल डाळ बठी कोयल 

हळकी हवा रो हिलोळो आयो 

डाळो डोल्यो कोयल दुबकी 

थोड़ी सरकी थोड़ी हरखी 

डाळी हर पुन री छेड़ स्यूं 

जिण भांत गोपी हरखी

 कान्हा हर बासुरी गी छेड़ स्यूं 

देख गे ग़नीमत

 प्रितम प्यारे मन मेरो थिरक्यो 

अरे खेरड़ी अठे बठ्यो 

 सोच लियो म तो मन माही 

थुं कोयल बणीजे

 हूंतो डाळ बणुला 

अरे डोल-डोल हाल-हाल ने 

थारे संगे छेड़छाड़ करुंला 

छेड़

 अरे खेलडी अठै बेठ्यो   सोच करूं रे म तो  थारो संगड़ो कर ने  मोज करूंला रे म तो  मनड़ो म्हारो सुख पाव  जद संग थारो मिल ज्याव  जिण भांत तप्त ...